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Monday, 15 March 2021

Vyanjan sandhi - व्यंजन संधि परिभाषा , नियम के साथ साथ उदाहरण

Vyanjan sandhi - व्यंजन संधि परिभाषा , नियम के साथ साथ उदाहरण




 व्यंजन संधि

जब संधि करते समय व्यंजन के बाद स्वर या व्यंजन आने से जो परिवर्तन होता है। उसे व्यंजन संधि कहते है।

उदाहरण : 

वाक् + ईश = वागीश

सत् + जन = सज्जन

उत् + हार = उद्धार


विसर्ग संधि की परिभाषा और नियम


व्यंजन संधि के नियम -

1 . वर्ग के पहले वर्ण (क, च, ट , त , प ) के बाद किसी स्वर अथवा किसी वर्ग के तीसरे वर्ण ( ग, ज, ड, द, ब ) या चौथे वर्ण ( घ , झ, ढ, ध, भ ) अथवा य, र, ल, व से हो तो पहला वर्ण ही वर्ग के तीसरे वर्ण जैसे - क का ग , च का ज, ट का ड, त का द , प का ब में बदल जाते हैं।


क् का ग् में बदलना -

दिक् + विजय = दिग्विजय

वाक् + ईश = वागीश


च् का ज् में बदलना -

अच् + आदि = अजाति

अच् + अत = अजंत 


ट् का ड् में बदलना -

षट + आनन = षडानन

षट् + रिपु = षड्पु


त् का द् में बदलना -

सत् + भावना = सदभावना

सत् + गुण = सद्गुण


प् का ब् में बदलना - 

अप् + ज = अब्ज


स्वर संधि का परिभाषा और प्रकार


2 . यदि किसी वर्ग के पहले वर्ण ( क, च , ट , त, प) के बाद न, म हो तो उसके स्थान पर उसी का पाँचवाँ वर्ण ( ङ् , ञ्, ण्, न, म ) हो जाता है।


क का ङ में बदलना - 

वाक् + मय = वाङ्‌मय


त का न् में बदलना -

जगत् + नाथ = जगन्नाथ

तत् + मय = तन्मय


ट् का ण् में बदलना -

षट् + मुख = षण्मुख


3 . यदि छ के बाद कोई स्वर हो तो छ के पहले च् जोड़ दिया जाता है।

स्व + छंद = स्वच्छंद

अनु + छेद = अनुच्छेद

वि + छेद = विच्छेद


4 . यदि त् के बाद च , छ हो तो त् का च् हो जाता है।

उत् + चारण = उच्चारण

सत् + चरित्र = सच्चरित्र


5 . यदि त् के बाद ल हो तो त् का ल् हो जाता है।

उत् + लास = उल्लास

तत् + लीन = तल्लीन


6 . यदि त् के बाद ज, झ हो तो त् का ज् हो जाता है।

सत् + जन = सज्जन

उत् + ज्वल = उज्ज्वल


7 . यदि त् के बाद ट् , ड हो तो त् क्रमश: ट् , ड् ही होता है।

उत् + ड्यन = उड्डयन


8 . यदि त् के ह हो तो त् का द् और ह का ध् होता है।

उत् + हार = उद्धार

उत् + हत = उद्धत


9 . यदि त् के बाद श हो तो त् का च् और श का छ होता है

सत् + शास्त्र = उच्छास्त्र 

उत् + श्वास = उच्छवास


10 . यदि ऋ , र , ष के बाद न हो तो न का ण होता है।

प्र + मान = प्रमाण

राम + अयन = रामायण 


11 . यदि म् के बाद क से लेकर ह तक का कोई भी व्यंजन वर्ग हो तो म् अनुस्वर में बदल जाता हैं।

सम् + चय = संचय

सम् + पूर्ण = संपूर्ण 

सम् + योग = संयोग

सम् + हार = संहार

सम् + सार = संसार


12. यदि म् के बाद म आने पर कोई परिवर्तन नही होता है ।

सम् + मान = सम्मान 


13 . यदि किसी शब्द का पहला वर्ण स हो और उसके पहले अ , आ के अलावा कोई और स्वर आ जाये तो स का ष होता है।

वि + सम = विषम

सु + सुप्ति = सुषुप्ति


संधि की परिभाषा के लिए देखें पर क्लिक करें - देखें



1 comment:

  1. I want to pdf form this hindi notes it's available

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