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Friday, 19 March 2021

Samas ki paribhasha समास किसे कहते हैं ? तथा उसके भेद उदाहरण सहित

Samas ki paribhasha समास किसे कहते हैं ? तथा उसके भेद उदाहरण सहित

 समास

परिभाषा - दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है। उसे समास कहते हैं।

उदाहरण -

राजा का महल = राजमहल

कर्महीन - कर्म से हीन

माता और पिता = माता - पिता

चतुर्भुज - चार हैं भुजाएँ जिसकी अर्थात् विष्णु 

यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार

चौराहा- चार राहों का समूह


समास के भेद -

1 . अव्ययीभाव समास

2 . बहुब्रीहि समास 

3 . कर्मधारय समास

4 . तत्पुरुष समास

5 . द्वन्द्व समास

6 . द्विगु समास


1 . अव्ययीभाव समास - जिस समास का पहला पद प्रधान और अन्तिम पद संज्ञा अथवा विशेषण हो उसे अव्ययीभाव समास कहते है

उदाहरण -

भरपेट - पेर भर के

यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार

प्रत्येक - एक - एक

यथासमय - समय के अनुसार

आजन्म - जन्म से लेकर

आजीवन - जीवन भर

प्रतिदिन - दिन - दिन

यथाकाम - काम के अनुसार

यथानियम - नियम के अनुसार


2 . बहुब्रीहि समास - जिस समास का कोई भी पद प्रधान न हो बल्कि कोई अन्य ( तीसरा ) पद प्रधान हो उसे बहुब्रीहि समास कहते हैं।

उदाहरण -

दशानन - दश हैं आनन ( सिर ) जिसके अर्थात् रावण

पीताम्बर - पीला है अम्बर जिसका अर्थात् श्री कृष्ण

चतुर्भुज - चार हैं भुजाएँ जिसकी अर्थात् विष्णु 

चतुरानन - चार है आनन जिसके अर्थात् ब्रह्मा

वीणापणि - वीणा है हाथों मे जिसके अर्थात् सरस्वती

लंबोदर - लंबा है उदय जिसका अर्थात् गणेश

गिरिधर - गिरी को धारण किया जिसने अर्थात् कृष्ण

निशाचर - निशा में विचरण करने वाला अर्थात् राक्षस

त्रिलोचन - तीन हैं लोचन जिसके अर्थात् शिव

प्रधानमंत्री - मंत्रियों में प्रधान है जो अर्थात् प्रधानमंत्री


3 . कर्मधारय समास - जिस समास क्या प्रथम पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य हो उसे कर्मधारय समास कहते हैं।

उदाहरण -

नीलकण्ठ - नीला है जो कण्ठ

अधमरा - आधा है जो मरा

महापुरुष - महान है जो पुरुष

मृगनयनी - मृग के समान नयन

महादेव - महान है जो देव

चरणकमल - कमल के समान चरण

महात्मा - महान है जो आत्मा

परमानन्द - परम है जो आनन्द

महात्मा - महान है आत्मा

चन्द्रमुख - चन्द्र जैसा मुख


4 . तत्पुरुष समास - जिस समास का दूसरा पद प्रधान हो और कारक चिन्ह का लोप होता है। उसे तत्पुरुष समास कहते है। 

उदाहरण -

राजपुत्र - राजा का पुत्र

रसोईघर - रसोई का घर

राजमहल - राजा का महल

देशभक्ति - देश के लिए भक्ति

गौशाल - गौ के लिए शाला

राजनीति - राजा की नीति

देवपूजा - देव की पूजा

सिरदर्द - सिर में दर्द

जलधारा - जल की धारा


तत्पुरुष समास के छः भेद होते हैं -

1 . कर्म तत्पुरुष समास

2 . करण तत्पुरुष समास

3 . संप्रदान तत्पुरुष समास

4 . अपादान तत्पुरुष समास

5 . संबंध तत्पुरुष समास

6 . अधिकरण तत्पुरुष समास


1 . कर्म तत्पुरुष समास - जिसमें कर्म कारक की विभक्ति ' को ' का लोप हो जाता है ।


गृहागत - गृह को आगत

जेबकतरा - जेब को कतरने वाला 

रथचालक - रथ को चलाने वाला

गगनचुंबी - गगन को चूमने वाला


2 . करण तत्पुरुष समास - इस समास में कर्म कारक की विभक्ति से, के द्वारा का लोप होता है।


मदांधा - मन से अंधा

मनचाहा - मन से चाह

भयाकुल - भय से आकुल

रोगातुर - रोग से आतुर

अकाल पीड़ित - अकाल से पीड़ित

कर्मवीर - कर्म से वीर

जलाभिषेक - जल से अभिषेक

तुलसीकृत - तुलसी द्वारा रचित


3 . संप्रदान तत्पुरुष समास - इस समास में कर्म कारक की विभक्ति के लिए का लोप होता है।


स्नानघर - स्नान के लिए घर

रसोईघर - रसोई के लिए घर

देशभक्ति - देश के लिए भक्ति

डाकगाड़ी - डाक के लिए गाड़ी

यज्ञशाला - यज्ञ के लिए शाला

युद्धभूमि - युद्ध के लिए भूमि

धर्मशाला - धर्म के लिए शाला 

विद्यालय - विद्या के लिए आलय


4 . अपादान तत्पुरुष समास - इस समास में कर्म कारक की विभक्ति से का लोप होता है।


जन्मांध - जन्म से अंधा

कर्महीन - कर्म से हीन

धनहीन - धन से हीन

गुणहीन - गुण से हीन

पापमुक्त - पाप से मुक्त

जलहीन - जल से हीन


5 . संबंध तत्पुरुष समास - इस समास में संबंधकारक की विभक्ति का , की, के का लोप होता है ।


राजपुत्र - राजा का पुत्र

राजाज्ञा - राजा की आज्ञा

विद्यासागर - विद्या का सागर 

गंगाजल - गंगा का जल

सेनापति - सेना का पति

कन्यादान - कन्या का दान


6 . अधिकरण तत्पुरुष समास - इस समास में अधिकरण की विभक्ति में , पर का लोप होता है।


शोकमगन - शोक में मगन

रणधीर - रण में धीर

आपबीती - आप पर बीती

लोकप्रिय - लोक पर प्रिय

शरणागत - शरण में आगत

गृहप्रवेश - गृह में प्रवेश



5 . द्वन्द्व समास - जिस समास में दोनों पद प्रधान हो उसे द्वन्द्व समास कहते हैं।

उदाहरण -

दिन - रात = दिन और रात

पाप - पुण्य = पाप और पुण्य

जल - वायु = जल और वायु

सुबह - शाम = सुबह और शाम

नर - नारी = नर और नारी

अमीर - गरीब = अमीर और गरीब

दालरोटी = दाल और रोटी

माता - पिता = माता और पिता

बेटा - बेटी = बेटा और बेटी

लाभ - हानि = लाभ और हानि


6 . द्विगु समास - 

जिस समास का प्रथम पद संख्यावाचक और अन्तिम पद विशेष्य होता हैं।

उदाहरण - 

पंचवटी = पाँच वटों का समूह 

नवग्रह = नौ ग्रहों का समूह 

त्रिलोक - तीन लोकों का समूह

चौराहा- चार राहों का समूह

सप्ताह - सात दिनो का समूह

तिरंगा - तीन रगो का समूह

त्रिकोण - तीन कोणों का समूह

पंचवटी - पाँच वटों का समूह



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