समास
परिभाषा - दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है। उसे समास कहते हैं।
उदाहरण -
राजा का महल = राजमहल
कर्महीन - कर्म से हीन
माता और पिता = माता - पिता
चतुर्भुज - चार हैं भुजाएँ जिसकी अर्थात् विष्णु
यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार
चौराहा- चार राहों का समूह
समास के भेद -
1 . अव्ययीभाव समास
2 . बहुब्रीहि समास
3 . कर्मधारय समास
4 . तत्पुरुष समास
5 . द्वन्द्व समास
6 . द्विगु समास
1 . अव्ययीभाव समास - जिस समास का पहला पद प्रधान और अन्तिम पद संज्ञा अथवा विशेषण हो उसे अव्ययीभाव समास कहते है
उदाहरण -
भरपेट - पेर भर के
यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार
प्रत्येक - एक - एक
यथासमय - समय के अनुसार
आजन्म - जन्म से लेकर
आजीवन - जीवन भर
प्रतिदिन - दिन - दिन
यथाकाम - काम के अनुसार
यथानियम - नियम के अनुसार
2 . बहुब्रीहि समास - जिस समास का कोई भी पद प्रधान न हो बल्कि कोई अन्य ( तीसरा ) पद प्रधान हो उसे बहुब्रीहि समास कहते हैं।
उदाहरण -
दशानन - दश हैं आनन ( सिर ) जिसके अर्थात् रावण
पीताम्बर - पीला है अम्बर जिसका अर्थात् श्री कृष्ण
चतुर्भुज - चार हैं भुजाएँ जिसकी अर्थात् विष्णु
चतुरानन - चार है आनन जिसके अर्थात् ब्रह्मा
वीणापणि - वीणा है हाथों मे जिसके अर्थात् सरस्वती
लंबोदर - लंबा है उदय जिसका अर्थात् गणेश
गिरिधर - गिरी को धारण किया जिसने अर्थात् कृष्ण
निशाचर - निशा में विचरण करने वाला अर्थात् राक्षस
त्रिलोचन - तीन हैं लोचन जिसके अर्थात् शिव
प्रधानमंत्री - मंत्रियों में प्रधान है जो अर्थात् प्रधानमंत्री
3 . कर्मधारय समास - जिस समास क्या प्रथम पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य हो उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
उदाहरण -
नीलकण्ठ - नीला है जो कण्ठ
अधमरा - आधा है जो मरा
महापुरुष - महान है जो पुरुष
मृगनयनी - मृग के समान नयन
महादेव - महान है जो देव
चरणकमल - कमल के समान चरण
महात्मा - महान है जो आत्मा
परमानन्द - परम है जो आनन्द
महात्मा - महान है आत्मा
चन्द्रमुख - चन्द्र जैसा मुख
4 . तत्पुरुष समास - जिस समास का दूसरा पद प्रधान हो और कारक चिन्ह का लोप होता है। उसे तत्पुरुष समास कहते है।
उदाहरण -
राजपुत्र - राजा का पुत्र
रसोईघर - रसोई का घर
राजमहल - राजा का महल
देशभक्ति - देश के लिए भक्ति
गौशाल - गौ के लिए शाला
राजनीति - राजा की नीति
देवपूजा - देव की पूजा
सिरदर्द - सिर में दर्द
जलधारा - जल की धारा
तत्पुरुष समास के छः भेद होते हैं -
1 . कर्म तत्पुरुष समास
2 . करण तत्पुरुष समास
3 . संप्रदान तत्पुरुष समास
4 . अपादान तत्पुरुष समास
5 . संबंध तत्पुरुष समास
6 . अधिकरण तत्पुरुष समास
1 . कर्म तत्पुरुष समास - जिसमें कर्म कारक की विभक्ति ' को ' का लोप हो जाता है ।
गृहागत - गृह को आगत
जेबकतरा - जेब को कतरने वाला
रथचालक - रथ को चलाने वाला
गगनचुंबी - गगन को चूमने वाला
2 . करण तत्पुरुष समास - इस समास में कर्म कारक की विभक्ति से, के द्वारा का लोप होता है।
मदांधा - मन से अंधा
मनचाहा - मन से चाह
भयाकुल - भय से आकुल
रोगातुर - रोग से आतुर
अकाल पीड़ित - अकाल से पीड़ित
कर्मवीर - कर्म से वीर
जलाभिषेक - जल से अभिषेक
तुलसीकृत - तुलसी द्वारा रचित
3 . संप्रदान तत्पुरुष समास - इस समास में कर्म कारक की विभक्ति के लिए का लोप होता है।
स्नानघर - स्नान के लिए घर
रसोईघर - रसोई के लिए घर
देशभक्ति - देश के लिए भक्ति
डाकगाड़ी - डाक के लिए गाड़ी
यज्ञशाला - यज्ञ के लिए शाला
युद्धभूमि - युद्ध के लिए भूमि
धर्मशाला - धर्म के लिए शाला
विद्यालय - विद्या के लिए आलय
4 . अपादान तत्पुरुष समास - इस समास में कर्म कारक की विभक्ति से का लोप होता है।
जन्मांध - जन्म से अंधा
कर्महीन - कर्म से हीन
धनहीन - धन से हीन
गुणहीन - गुण से हीन
पापमुक्त - पाप से मुक्त
जलहीन - जल से हीन
5 . संबंध तत्पुरुष समास - इस समास में संबंधकारक की विभक्ति का , की, के का लोप होता है ।
राजपुत्र - राजा का पुत्र
राजाज्ञा - राजा की आज्ञा
विद्यासागर - विद्या का सागर
गंगाजल - गंगा का जल
सेनापति - सेना का पति
कन्यादान - कन्या का दान
6 . अधिकरण तत्पुरुष समास - इस समास में अधिकरण की विभक्ति में , पर का लोप होता है।
शोकमगन - शोक में मगन
रणधीर - रण में धीर
आपबीती - आप पर बीती
लोकप्रिय - लोक पर प्रिय
शरणागत - शरण में आगत
गृहप्रवेश - गृह में प्रवेश
5 . द्वन्द्व समास - जिस समास में दोनों पद प्रधान हो उसे द्वन्द्व समास कहते हैं।
उदाहरण -
दिन - रात = दिन और रात
पाप - पुण्य = पाप और पुण्य
जल - वायु = जल और वायु
सुबह - शाम = सुबह और शाम
नर - नारी = नर और नारी
अमीर - गरीब = अमीर और गरीब
दालरोटी = दाल और रोटी
माता - पिता = माता और पिता
बेटा - बेटी = बेटा और बेटी
लाभ - हानि = लाभ और हानि
6 . द्विगु समास -
जिस समास का प्रथम पद संख्यावाचक और अन्तिम पद विशेष्य होता हैं।
उदाहरण -
पंचवटी = पाँच वटों का समूह
नवग्रह = नौ ग्रहों का समूह
त्रिलोक - तीन लोकों का समूह
चौराहा- चार राहों का समूह
सप्ताह - सात दिनो का समूह
तिरंगा - तीन रगो का समूह
त्रिकोण - तीन कोणों का समूह
पंचवटी - पाँच वटों का समूह
Sir aapne
ReplyDeletesamas kise kahate hain ko acche se samjhaya hai thank you